Saturday, September 17, 2011

आज का दुनिया!

आज का दुनिया में कोई किसी का नहीं है आज हर कोई अपने लिये जीता है!
इस बात को कटा नहीं जा सकता है, इस का परमान इसी से मिल जाता है की एक माता पिता अपने चार बच्चो को आसानी से पलता है पर वो चार बच्चे एम् एक माता पिता को नहीं पाल सकते है खुदगर्जी में वो अपने बच्चो को लेकर ही समझ लेते है की मेरा पूरा परिवार यही है पर वो क्यों भूल जाते है की जो वो अपने माता पिता के साथ करते है वो कल उनके साथ भी हो सकता है!

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